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महाविद्यालय में आयोजित सात दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम के समापन पर डाॅ0 अपर्णा बत्रा ने 2 सितंबर को किया।

भिवानी, 2 सितंबर। आदर्श महिला महाविद्यालय में आयोजित सात दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम के समापन पर डाॅ0 अपर्णा बत्रा (एसोसिएट प्रोफेसर अंग्रेजी विभाग) ने ’एन्हेन्सिंग साॅफ्ट स्किल विषय’ मे सॉफ्ट स्किल्स के बारे में प्राध्यापिकाओं को बताते हुए कहा की नई शिक्षा नीति में भी सॉफ्ट स्किल्स को महत्व दिया गया है इन सॉफ्ट स्किल्स के द्वारा हम अपने बुद्धि कौशल ,संचार कौशल, नेतृत्व गुण, टीमवर्क में सृजनात्मक, सहपाठियों के साथ व्यवहारी कौशल मे निपुण हो सकते हैं उन्होंने यह भी सुझाव दिया की योग्यता सभी के अंदर होती है, आवश्यकता उसकी पहचान कर एवं उसे निखारने की है इसके लिए उन्होंने सभी से अपने सॉफ्ट स्किल विकसित करने की प्रेरणा दी साथ ही प्राध्यापिकाओं से यह अपील भी की कि वह भागवत गीता पतंजलि योग सूत्र एवं पौराणिक ग्रंथों को अपना प्रेरणादाई बनाते हुए कर्मयोगी बने। उन्होंने ध्यानमुद्रा भी प्राध्यापिकाओं को करवाई। कार्यक्रम के प्रथम दिन विषय ’वर्क लाइफ बैलेंस’ रहा। जिस पर डाॅ0 सपना बंसल ने महाविद्यालय की प्राध्यापिकाओं व छात्राओं को अत्यधिक अभिप्रेरित किया। उन्होंने हार्ड वर्क नहीं, स्मार्ट वर्क फैमिली हैल्थ और मैंटल लाइफ के बारे में बताया और कहा कि परिवार के लिए अग्रणी बनें और किताबों को सच्चा मित्र बनाएं। डाॅ0 अमीता गाबा के वक्तव्य का विषय ‘संस्था में अध्यापकों की भूमिका‘ रहा। जिसके तहत उन्होंने प्राध्यापिकाओं को वित्तीय कार्यविधि को विस्तारपूर्वक समझाया। डाॅ0 निशा शर्मा के वक्तव्य का विषय ‘नई शिक्षा नीति 2020 के लिए तैयारी‘ रहा। उन्होंने प्राध्यापिकाओं को नई शिक्षा नीति की संपूर्ण जानकारी दी और बताया कि नई शिक्षा नीति पूर्णतया शोध एवं तकनीक पर आधारित है। जिसके लिए हमें अभी से स्मार्ट होना जरूरी होगा। उन्होंने प्राध्यापिकाओं को नई शिक्षा नीति की तैयारी के लिए टिप्स भी दिए। प्राचार्या डॉ0 अलका मित्तल ने प्रत्येक प्राध्यापिका को कहा कि आप पूर्ण हृदय से महाविद्यालय के साथ जुड़े और प्राध्यापिकाओं को गुणवत्ता परक शोध कार्य करने के लिए प्रेरित किया। यह भी कहा कि छात्राओं के सर्वांगीण विकास में अपना योगदान दें। कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर संगीता मनरो ने पूरी टीम का धन्यवाद किया।

एक सप्ताह के ओरिएंटेशन कार्यक्रम के प्रथम दिन श्री राम काॅलेज आॅफ काॅमर्स, दिल्ली से मुख्य वक्ता प्रो0 सपना बंसल रही।

नो पेन, नो गेन – डाॅ0 सपना बंसल बिना त्याग कठिन परिश्रम व आत्म विश्वास के कुछ नही- डाॅ0 सपना बंसलभूतकाल से निकलकर वर्तमान में जिएं – डाॅ0 सपना बंसलहर दिन को अपना आखरी दिन समझकर जिएं- डाॅ0 सपना बंसलभिवानी, 28 अगस्त। स्वयं को मालिक माने और हमेशा सकारात्मक सोच रखे। नकारात्मक सोच के साथ आपका विनाश निश्चित है। काम और जिंदगी में संतुलन बनाएं और प्रत्येक दिन ऐसे जियें की वह आपका आखिरी दिन हो। अच्छे लोगों के साथ अपना दायरा बढ़ाएं और स्वयं को कमल की तरह निखारें। यह उद्गार आदर्श महिला महाविद्यालय में आयोजित एक सप्ताह के ओरिएंटेशन कार्यक्रम के प्रथम दिन श्री राम काॅलेज आॅफ काॅमर्स, दिल्ली से मुख्य वक्ता प्रो0 सपना बंसल ने कहे। कार्यक्रम के प्रथम दिन विषय ’वर्क लाइफ बैलेंस’ रहा। जिस पर डाॅ0 सपना बंसल ने महाविद्यालय की प्राध्यापिकाओं व छात्राओं को अत्यधिक अभिप्रेरित किया। उन्होंने हार्ड वर्क नहीं, स्मार्ट वर्क फैमिली हैल्थ और मैंटल लाइफ के बारे में बताया और कहा कि परिवार के लिए अग्रणी बनें और किताबों को सच्चा मित्र बनाएं। स्वयं के लिए समय निकालते हुए अपना बचपन जिएं। जिंदगी भर एक अच्छा विद्यार्थी बनकर रहें और आधुनिकता के साथ चलें। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी कार्य को करने से पहले समय सारणी का बनाना अत्यंत आवश्यक है। वर्क लाइफ को बैलेंस करने के लिए उन्होंने प्राध्यापिकाओं को कुछ अच्छे टिप्स भी दिए। उन्होंने छात्राओं को संघर्ष के बारे में बताते हुए दो पत्थर एवं दो दोस्तों की कहानी सुनाई और बच्छेन्द्रीपाल का उदाहरण देकर उन्हें होसलों को बुलंद करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ विधिवत् रूप से मां शारदे की चरणों में अतिथिगण द्वारा दीप प्रज्जवलित करके हुआ। कार्यक्रम में महासचिव अशोक बुवानीवाला ने कहा कि आने वाली नई शिक्षा नीति प्राध्यापकों के लिए एक चैलेंज है जिससे घबराएं नही अपितु आप सब पूर्ण आत्मविश्वास एवं निडरता के साथ अपने अंदर गुणों का संचार करंे। प्राध्यापक ही नए भविष्य का निर्माण करता है। आपके द्वारा कच्ची मिट्टी से तैयार की गई विद्यार्थी रूपी मूर्त ही आधुनिक समाज की आधारशिला होगी। कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्या डाॅ0 अलका मित्तल के दिशानिर्देशन में हुआ। उन्होंने कहा कि जीवन में कठिनाईयां समय पर आपकी परीक्षा लेती है। हमें पूर्ण आत्मविश्वास एवं तटस्थ होकर लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। कार्यक्रम काॅर्डिनेटर संगीता मनरो ने मुख्य वक्ता का धन्यवाद किया और विश्वास दिलाया कि उनके द्वारा दिए गए टिप्स को प्राध्यापिकाएं अपने जीवन में अवश्य अपनाएंगी।