19 वें दीक्षांत समारोह में टॉपर विधार्थियों को स्वर्ण पदक, स्नातक के 1000 से भी अधिक, स्नातकोत्तर के 60 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई ।
त्याग के लिए हमेशा तत्पर रहें- प्रो0 के0 के0 अग्रवाल—-
नई शिक्षा नीति नवाचार व सहयोग से परिपूर्ण- प्रो0 के0 के0 अग्रवाल—-
संशय होने पर अपने मन व दिमाग से सोचे- प्रो0 के0 के0 अग्रवाल—-
कानून से ज्यादा मूल्यों को सम्मान दें – प्रो0 के0 के0 अग्रवाल—- स्वयं पर विश्वास रखें, सृजनात्मकता को प्राथमिकता दें- प्रो0 के0 के0 अग्रवाल—-
स्वरोजगार, उद्यमशीलता, कौशलकला जीवननिर्माण में सहायक- प्रो0 आर0के0 मित्तल—-
19 वें दीक्षांत समारोह में टॉपर विधार्थियों को स्वर्ण पदक, स्नातक के 1000 से भी अधिक, स्नातकोत्तर के 60 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गईभिवानी, 03 फरवरी। ज्ञान की प्यास बुझाने के लिए केवल डिग्री जरूरी नहीं अपितु मानसिक शक्ति जरूरी है। 15 प्रतिशत ज्ञान शिक्षा से व 85 प्रतिशत ज्ञान आप बाहरी वातावरण से सीखते है। प्रकृृति से जुड़े, सीखने की क्षमता को विकसित करें, समयानुसार अपने आप को बदलें और स्वयं पर विश्वास रखें। यह उद्गार मुख्य अतिथि अध्यक्ष साउथ एशियन विश्वविद्यालय, विख्यात शिक्षाविद् प्रो. के. के अग्रवाल ने आदर्श महिला महाविद्यालय, भिवानी में आयोजित 19 वें ’दीक्षांत समारोह’ में छात्राओं का शैक्षणिक मार्ग प्रशस्त करते हुए कहें। उन्होंने यह भी कहा कि युवा पीढ़ी में केवल किताबी ज्ञान का होना आवश्यक नही अपितु छात्राओं को शोध कार्यो में भी बढ़-चढ़ कर भाग लेना चाहिए। नई शिक्षा नीति में भी शोध कार्यो को अत्याधिक महत्व दिया गया हैं। छात्राओं को सृजनात्मकता के साथ शिक्षा ग्रहण करने के लिए कहा। स्वयं पर विश्वास रखकर अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि यह कभी न सोचे की अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता जबकि शोध कहता है कुछ व्यक्तियों के प्रयास से दुनिया बदली जा सकती है। आज शिक्षा में तेजी से बदलाव आ रहा है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वह इस बदलाव के ज्ञान के प्रसार के साथ चलें। आज का युग तकनीकी क्रांति का युग है। उन्होंने छात्राओं को यह भी संदेश दिया कि वह उनकी शिक्षा के क्षेत्र में किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता होगी तो वह उसे हर प्रकार से प्राथमिकता देगे। समारोह में कुलपति, चैधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय प्रो0 राजकुमार मित्तल ने विधिवत दीक्षांत समारोह की शुरूआत कर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थियों को केवल रोजगार की तरफ ध्यान न देकर नवाचार और नई-नई तकनीक अपनाकर रोजगार सृजन करने वाला बनना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि देश को विकसित राष्ट्र व भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के संकल्प को साकार करने में युवाओं की भूमिका जरूरी है। नौकरी ढूंढने वालों की बजाय नवाचार को अपनाकर नौकरी देने वाले बनो। उन्होंने कहा कि आज का यह उपलब्धियों भरा गौरवमय क्षण अथक परिश्रम के साथ-साथ आपके माता-पिता के त्याग, तपस्या और कठोर परिश्रम एवं आपके गुरुजनों के सहयोग व मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने छात्राओं को भारतीय दर्शन में पंचकोष का सिद्धांत विशेष रूप से समझाया और बताया मानसिक संतुलन, तर्क संगत सोच, प्राकृतिक खाना और आनंदमय जीवन सफलता के मुलमंत्र है। प्रबंधक समिति के महासचिव अशोक बुवानीवाला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए छात्राओं को प्राप्त शिक्षा का व्यावहारिक जीवन में प्रयोग करने का संदेश दिया और कहा कि बदलते परिदृश्य में स्वयं को ढालें और तकनीकि शिक्षा को ग्रहण करें। स्वयं का व महाविद्यालय का नाम रोशन करें। कार्यक्रदीक्षांत समारोह में दिव्यांशी, शिवांगी कानोडिया व नेहा छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए। स्नातक की 1000 से अधिक, स्नातकोत्तर की 60 डिग्रीयाँ छात्राओं को प्रदान की गई। समारोह में शैक्षणिक स्तर पर उपलब्धियाँ प्राप्त करने वाली लगभग 1200 छात्राओं को व सांस्कृतिक स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहराने वाली 80 छात्राओं को मुख्य अतिथि द्वारा नकद राशि व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। महाविद्यालय में गत वर्ष में सभी विधाओं में आॅल राउंडर रहने वाली छात्राओं को अवार्डों से नवाजा गया।स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली छात्राओं ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि आज यह उपलब्धि उन्हें उनके परिश्रम व गुरूजनों के मार्गदर्शन से प्राप्त हुई है। भविष्य में इसी प्रकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करती रहेंगी और अपने महाविद्यालय व देश का नाम रोशन करेगी। महाविद्यालय प्राचार्या डॉ0 अलका मित्तल ने महाविद्यालय की वार्षिक उपलब्धियों से सभी को अवगत करवाया और बताया कि महाविद्यालय पिछले 50 वर्षो से उन्नति के नये कीर्तिमान स्थापित करता आ रहा है मात्र तीन छात्राओं से प्रारम्भ हुआ महाविद्यालय आज 3000 छात्राओं को न केवल शिक्षा के क्षेत्र में अपितु सांस्कृतिक एवं नैतिक मूल्यों के साथ उनके भविष्य का निर्माण भी कर रहा है। महाविद्यालय की छात्राएँ प्रशासनिक, राजनीतिक एवं अन्य क्षेत्रो में अपनी सेवाएं देकर महाविद्यालय का नाम रोशन कर रही हैं।समारोह में अध्यक्ष, वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट शिवरतन गुप्ता, प्रंबधकारिणी समिति अध्यक्ष, अजय गुप्ता, सुरेश गुप्ता, नंदकिशोर अग्रवाल, सुंदरलाल अग्रवाल, पवन केडिया, प्रो0 सुनील गुप्ता, सुरेश देवरालिया, सुनीता गुप्ता, सावरमल, प्रीतम अग्रवाल, सुभाष सोनी सहित शिक्षाविद् एवं छात्राएं उपस्थित रही।बाॅक्सः- छात्रा वंशिका गौड़ ने कहा कि केवल किताबी ज्ञान आत्मविश्वास उत्पन्न नहीं करता अपितु हर क्षेत्र में बढ़-चढ़ कर भाग लेने से ज्ञान का प्रसार होता है।छात्रा सिमरन ने कहा कि यह केवल हमारे प्रयास से संभव नहीं हुआ अपितु हमारे माता-पिता एवं गुरूजनों के पूर्ण सहयोग से ही यह संभव हो पाया है।छात्रा आरजू ने कहा कि मैं विज्ञान संकाय की छात्रा हू और आज यह अवार्ड प्राप्त कर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। इसकी सफलता का श्रेय पूर्ण रूप से महाविद्यालय की प्राध्यापिकाओ को है जिन्होंने शिक्षा के साथ-साथ मुझे हर क्षेत्र में पारंगत किया। इस अवसर पर शिक्षक वर्ग से डाॅ0 मोहिनी सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका अवार्ड व गैर-शिक्षक वर्ग से राजरानी को सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी अवार्ड दिया गया।