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महाविद्यालय में श्री राधा कृष्ण की मुर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा हुई।

यज्ञ का अभिप्राय त्याग, समर्पण व शुभकर्म- बैजनाथ महाराज—- राधामय हुआ महाविद्यालय परिसर यज्ञ सनातन धर्म के आरंभ से ही हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा की जाने वाली प्राचीन पद्यति है जिससे वातावरण में सुगंध एवं खुशहाली बढती है। ये उद्गार आदर्श महिला महाविद्यालय में नव मंदिर में स्थापित राधा कृष्ण की मुर्ति के प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर जोगीवाला मंदिर के महंत बैजनाथ महाराज ने कहे। महंत ने श्रद्धालुओं को कहा कि यज्ञ का अभिप्राय त्याग, समर्पण व शुभकर्म से है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में जिस प्रकार भगवान राम की मूर्ति स्थापित हुई है, वैसा ही माहौल आज महाविद्यालय में प्रतीत हो रहा है। उन्होंने प्राण-प्रतिष्ठा के महत्व को समझाते हुए भगवान राधा कृष्ण की मुर्ति के पुराने संदर्भों का विवेचन किया। धर्म ग्रंथों के अनुसार यज्ञ को बहुत ही पवित्र अनुष्ठान माना गया है। इस अवसर पर दादू पंथ के महंत दौलत दास महाराज वृंदावन से पधारे महंत हनुमान दास महाराज ने भी भगवान राधा कृष्ण के चरित्र के बारे में वर्णन किया। महंत बैजनाथ ने यह भी कहा कि यज्ञ द्वारा सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करने और उस स्थान को शुद्ध करने कि लिए मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। इतना ही नहीं, यज्ञ में भाग लेने वाले लोग खुद को ईश्वर के करीब पाते है। उन्होंने कहा कि ईश्वर में आस्था रखना आवश्यक है। धार्मिक अनुष्ठान का समस्त कार्य स्वर्गीय भगीरथमल बुवानीवाला धर्मपत्नी शकुंतला देवी की देख-रेख में सम्पन्न हुआ। प्रियांस गुप्ता एवं कोणार्क बुवानीवाला ने सहपत्निक यज्ञ में पूर्ण आहूति दी। महाविद्यालय, में 13 फरवरी से नव-निर्मित मंदिर में भगवान श्री राधा-कृष्ण की मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा का 5 दिवसीय भव्य अनुष्ठान चल रहा था। इसी कड़ी में कलश के साथ शोभा यात्रा निकाली गई। भगवान श्री राधा कृष्ण की परिक्रमा के दौरान राधा कृष्ण के नाम के जयकारों ने परिसर का माहौल राधामय बना दिया। सायंकालीन सत्र में भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य गायिका, दिल्ली विश्वविद्यालय से डाॅ0 नीलम शर्मा ने कृृष्ण भक्ति से ओत-प्रोत भजनों से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। भजन संध्या में महाविद्यालय से प्रवक्ता डाॅ0 रचना कौशिक व प्रियंका ने भी अपनी प्रस्तुति दी। इस अवसर पर महाविद्यालय प्रबधंक समिति अध्यक्ष अजय गुप्ता ने बताया कि महाविद्यालय परिसर में मंदिर निर्माण का कार्य स्वर्गीय दर्शना गुप्ता की प्रबल इच्छा थी। जिसे आज साकार होता देख उन्हें अत्यंत खुशी हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि महाविद्यालय में चल रहे छात्रावास में छात्राआंे की मंशा थी कि परिसर में मंदिर निर्माण करवाया जाए। जिससे वह अपने धार्मिक अनुष्ठान के कार्यों को बिना किसी अवरोध के पूर्ण कर सकें। इस अवसर पर महासचिव अशोक बुवानीवाला ने बताया कि भारतवर्ष केवल भौतिक उन्नति में विश्वास नहीं रखता अपितु यहां पर धार्मिक उन्नति प्रारंभ से ही चली आ रही है। छात्राओं का सर्वागीण विकास भी अध्यात्मिक उन्नति के बिना संभव नहीं है। आज युवाओं में पाश्चात्य सभ्यता का असर अत्यधिक दिखाई दे रहा है और वह भारतीय संस्कृति को वो भूलते जा रहे है। महाविद्यालय में नवनिर्मित मंदिर छात्राओं को अध्यात्म से जोड़ेगा और उनके अंदर नैतिक मूल्यो का विकास होगा। महाविद्यालय प्राचार्या डाॅ0 अलका मित्तल ने कहा कि छात्राओं में अध्यात्मिक चेतना उत्पन्न होनी चाहिए। उन्हें विकारों पर संयम रख आत्म चिंतन करना चाहिए। अध्यात्म हमें परमात्मा से सीधे मिलने का रास्ता दिखाता है। कार्यक्रम में महविद्याय प्रबंधकारिणी समिति उपाध्यक्ष सुनीता गुप्ता, कोषाध्यक्ष सुंदरलाल अग्रवाल, सहसचिव पवन केडिया, पवन बुवानीवाला, सुशील बुवानीवाला, विजय किशन अग्रवाल, डाॅ0 संजय गोयल, प्रीतम अग्रवाल, डाॅ0 प्रोमिला सिहाग, रामदेव तायल, बजरंग बहलवाला, प्रेम धनानिया, बलराज दवाई वाले सहित शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इस अवसर पर महाविद्यालय का समस्त शिक्षक एवं गैर-शिक्षक भी पूर्ण निष्ठा के साथ अनुष्ठान कार्यक्रम में उपस्थित रहा।

National Women’s Day is celebrated by NCC unit of College on 13 Feb, 2024.

NCC unit of Adarsh Mahila Mahavidyalaya , Bhiwani (2 Haryana girls Bn NCC, Rohtak) celebrated National Women’s Day on 13 Feb, 2024. National Women’s Day is celebrated in India to mark the birth anniversary of Sarojini Naidu. Along with honoring Sarojini Naidu, the day also serves as a platform for recognizing significant contributions of women in various fields and raising awareness about the challenges faced by women in India. 9 cadets expressed their opinion and views through reciting poems, speeches, inspirational speeches related to their lives. Principal Dr. Alka Mittal motivated the cadets to dream big in their lives. She said that our thoughts decide our actions. So, we must concentrate on good thinking to achieve our goals in life. C.T.O, Dr. Rinku Aggarwal inspired the cadets to remain self motivated and contribute to the cause of women empowerment. The cadets participated in the programme with full zeal and enthusiasm.

कैरियर गाइडेंस एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा वाणिज्य विभाग की 27 छात्राओं को लिबर्टी शू कंपनी ,करनाल का दौरा करवाया ।

छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ाने के उद्देश्य से महाविद्यालय की कैरियर गाइडेंस एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा वाणिज्य विभाग की 27 छात्राओं को लिबर्टी शू कंपनी ,करनाल का दौरा करवाया गया। जिसमें महाविद्यालय प्रबंधक समिति महासचिव अशोक बुवानीवाला का विशेष सहयोग रहा। यात्रा का आयोजन उन्ही के दिशा निर्देशन में प्राचार्य डॉ अलका मित्तल के मार्गदर्शन में किया गया ।इस शैक्षणिक औद्योगिक दौरे के दौरान छात्राओं ने न केवल उत्पादन तकनीक की बारीकियां को जाना अपितु मार्केटिंग,मानव संसाधन प्रबंधन,शोध प्रक्रिया, वेयरहाउसिंग, डिजाइनिंग प्रक्रिया एवं एंटरप्रेन्योर स्किल को जाना।

अंतर विश्वविद्यालय उत्तर पूर्वी युवा महोत्सव रंगतरंग मे महाविद्यालय की छात्राओं का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा।

छात्रा मनीषा ने रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान, छात्रा स्वाति ने समुह गान मे तृतीय स्थान व छात्रा वी.एस पदमा ने क्लासिकल एकल नृत्य प्रतियोगिता में पांचवा स्थान प्राप्त कर महाविद्यालय का नाम रोशन किया। प्राचार्या डॉ.अलका मित्तल ने छात्राओं व टीम इंचार्ज को बधाई देकर उनका उत्साह वर्धन किया।

19 वें दीक्षांत समारोह में टॉपर विधार्थियों को स्वर्ण पदक, स्नातक के 1000 से भी अधिक, स्नातकोत्तर के 60 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई ।

त्याग के लिए हमेशा तत्पर रहें- प्रो0 के0 के0 अग्रवाल—-

नई शिक्षा नीति नवाचार व सहयोग से परिपूर्ण- प्रो0 के0 के0 अग्रवाल—-

संशय होने पर अपने मन व दिमाग से सोचे- प्रो0 के0 के0 अग्रवाल—-

कानून से ज्यादा मूल्यों को सम्मान दें – प्रो0 के0 के0 अग्रवाल—- स्वयं पर विश्वास रखें, सृजनात्मकता को प्राथमिकता दें- प्रो0 के0 के0 अग्रवाल—-

स्वरोजगार, उद्यमशीलता, कौशलकला जीवननिर्माण में सहायक- प्रो0 आर0के0 मित्तल—-

19 वें दीक्षांत समारोह में टॉपर विधार्थियों को स्वर्ण पदक, स्नातक के 1000 से भी अधिक, स्नातकोत्तर के 60 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गईभिवानी, 03 फरवरी। ज्ञान की प्यास बुझाने के लिए केवल डिग्री जरूरी नहीं अपितु मानसिक शक्ति जरूरी है। 15 प्रतिशत ज्ञान शिक्षा से व 85 प्रतिशत ज्ञान आप बाहरी वातावरण से सीखते है। प्रकृृति से जुड़े, सीखने की क्षमता को विकसित करें, समयानुसार अपने आप को बदलें और स्वयं पर विश्वास रखें। यह उद्गार मुख्य अतिथि अध्यक्ष साउथ एशियन विश्वविद्यालय, विख्यात शिक्षाविद् प्रो. के. के अग्रवाल ने आदर्श महिला महाविद्यालय, भिवानी में आयोजित 19 वें ’दीक्षांत समारोह’ में छात्राओं का शैक्षणिक मार्ग प्रशस्त करते हुए कहें। उन्होंने यह भी कहा कि युवा पीढ़ी में केवल किताबी ज्ञान का होना आवश्यक नही अपितु छात्राओं को शोध कार्यो में भी बढ़-चढ़ कर भाग लेना चाहिए। नई शिक्षा नीति में भी शोध कार्यो को अत्याधिक महत्व दिया गया हैं। छात्राओं को सृजनात्मकता के साथ शिक्षा ग्रहण करने के लिए कहा। स्वयं पर विश्वास रखकर अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि यह कभी न सोचे की अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता जबकि शोध कहता है कुछ व्यक्तियों के प्रयास से दुनिया बदली जा सकती है। आज शिक्षा में तेजी से बदलाव आ रहा है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वह इस बदलाव के ज्ञान के प्रसार के साथ चलें। आज का युग तकनीकी क्रांति का युग है। उन्होंने छात्राओं को यह भी संदेश दिया कि वह उनकी शिक्षा के क्षेत्र में किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता होगी तो वह उसे हर प्रकार से प्राथमिकता देगे। समारोह में कुलपति, चैधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय प्रो0 राजकुमार मित्तल ने विधिवत दीक्षांत समारोह की शुरूआत कर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थियों को केवल रोजगार की तरफ ध्यान न देकर नवाचार और नई-नई तकनीक अपनाकर रोजगार सृजन करने वाला बनना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि देश को विकसित राष्ट्र व भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के संकल्प को साकार करने में युवाओं की भूमिका जरूरी है। नौकरी ढूंढने वालों की बजाय नवाचार को अपनाकर नौकरी देने वाले बनो। उन्होंने कहा कि आज का यह उपलब्धियों भरा गौरवमय क्षण अथक परिश्रम के साथ-साथ आपके माता-पिता के त्याग, तपस्या और कठोर परिश्रम एवं आपके गुरुजनों के सहयोग व मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने छात्राओं को भारतीय दर्शन में पंचकोष का सिद्धांत विशेष रूप से समझाया और बताया मानसिक संतुलन, तर्क संगत सोच, प्राकृतिक खाना और आनंदमय जीवन सफलता के मुलमंत्र है। प्रबंधक समिति के महासचिव अशोक बुवानीवाला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए छात्राओं को प्राप्त शिक्षा का व्यावहारिक जीवन में प्रयोग करने का संदेश दिया और कहा कि बदलते परिदृश्य में स्वयं को ढालें और तकनीकि शिक्षा को ग्रहण करें। स्वयं का व महाविद्यालय का नाम रोशन करें। कार्यक्रदीक्षांत समारोह में दिव्यांशी, शिवांगी कानोडिया व नेहा छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए। स्नातक की 1000 से अधिक, स्नातकोत्तर की 60 डिग्रीयाँ छात्राओं को प्रदान की गई। समारोह में शैक्षणिक स्तर पर उपलब्धियाँ प्राप्त करने वाली लगभग 1200 छात्राओं को व सांस्कृतिक स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहराने वाली 80 छात्राओं को मुख्य अतिथि द्वारा नकद राशि व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। महाविद्यालय में गत वर्ष में सभी विधाओं में आॅल राउंडर रहने वाली छात्राओं को अवार्डों से नवाजा गया।स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली छात्राओं ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि आज यह उपलब्धि उन्हें उनके परिश्रम व गुरूजनों के मार्गदर्शन से प्राप्त हुई है। भविष्य में इसी प्रकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करती रहेंगी और अपने महाविद्यालय व देश का नाम रोशन करेगी। महाविद्यालय प्राचार्या डॉ0 अलका मित्तल ने महाविद्यालय की वार्षिक उपलब्धियों से सभी को अवगत करवाया और बताया कि महाविद्यालय पिछले 50 वर्षो से उन्नति के नये कीर्तिमान स्थापित करता आ रहा है मात्र तीन छात्राओं से प्रारम्भ हुआ महाविद्यालय आज 3000 छात्राओं को न केवल शिक्षा के क्षेत्र में अपितु सांस्कृतिक एवं नैतिक मूल्यों के साथ उनके भविष्य का निर्माण भी कर रहा है। महाविद्यालय की छात्राएँ प्रशासनिक, राजनीतिक एवं अन्य क्षेत्रो में अपनी सेवाएं देकर महाविद्यालय का नाम रोशन कर रही हैं।समारोह में अध्यक्ष, वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट शिवरतन गुप्ता, प्रंबधकारिणी समिति अध्यक्ष, अजय गुप्ता, सुरेश गुप्ता, नंदकिशोर अग्रवाल, सुंदरलाल अग्रवाल, पवन केडिया, प्रो0 सुनील गुप्ता, सुरेश देवरालिया, सुनीता गुप्ता, सावरमल, प्रीतम अग्रवाल, सुभाष सोनी सहित शिक्षाविद् एवं छात्राएं उपस्थित रही।बाॅक्सः- छात्रा वंशिका गौड़ ने कहा कि केवल किताबी ज्ञान आत्मविश्वास उत्पन्न नहीं करता अपितु हर क्षेत्र में बढ़-चढ़ कर भाग लेने से ज्ञान का प्रसार होता है।छात्रा सिमरन ने कहा कि यह केवल हमारे प्रयास से संभव नहीं हुआ अपितु हमारे माता-पिता एवं गुरूजनों के पूर्ण सहयोग से ही यह संभव हो पाया है।छात्रा आरजू ने कहा कि मैं विज्ञान संकाय की छात्रा हू और आज यह अवार्ड प्राप्त कर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। इसकी सफलता का श्रेय पूर्ण रूप से महाविद्यालय की प्राध्यापिकाओ को है जिन्होंने शिक्षा के साथ-साथ मुझे हर क्षेत्र में पारंगत किया। इस अवसर पर शिक्षक वर्ग से डाॅ0 मोहिनी सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका अवार्ड व गैर-शिक्षक वर्ग से राजरानी को सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी अवार्ड दिया गया।