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महाविद्यालय में लेफ्टिनेंट अनीता वर्मा को 27 वर्षों के एन0सी0सी0 कार्यभार से सेवानिवृत्त होने पर एन0सी0सी0 कैडेट्स द्वारा गार्ड आॅफ आॅनर देकर विदाई दी गई।

कैडेट्स ने गार्ड आॅफ आॅनर के साथ दी विदाई।—-27 वर्षों के एन0सी0सी0 कार्यकाल से सेवानिवृत्ति पर भावभीनी विदाई—-एन0सी0सी0 अनुशासन, देशभक्ति व कत्र्तव्यनिष्ठा की पूरक- रचना अरोड़ा भिवानी, 28 फरवरी । आदर्श महिला महाविद्यालय में लेफ्टिनेंट अनीता वर्मा को 27 वर्षों के एन0सी0सी0 कार्यभार से सेवानिवृत्त होने पर एन0सी0सी0 कैडेट्स द्वारा गार्ड आॅफ आॅनर देकर विदाई दी गई। महाविद्यालय प्राचार्या रचना अरोड़ा ने एन0सी0सी0 को अनुशासन, देशभक्ति व कत्र्तव्यनिष्ठा का पूरक बताते हुए कहा कि एन0सी0सी0 राष्ट्र के प्रति निःस्वार्थ भाव से की गई सेवा है। जिसे लेफ्टिनेंट अनीता वर्मा ने बखूबी निभाया। उन्होंने 1995 से एन0सी0सी0 से जुड़ी अनीता वर्मा के कार्यकाल की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए यह भी कहा कि वह आगे इसी प्रकार महाविद्यालय की गतिविधियों के साथ इसी समर्पण भाव के साथ जुड़ी रहेंगी। कैप्टन डाॅ0 अनिल तंवर ने मंच से लेफ्टिनेंट के कार्य को सैल्यूट करते हुए बताया कि एन0सी0सी0 कैडेट्स के सर्वांगीण विकास की सूत्रधार है। उन्होंने लेफ्टिनेंट अनीता वर्मा के एन0सी0सी में दिए गए सहयोग व कार्यकाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रत्येक कैंप में उन्होंने छात्राओं का मनोबल बढ़ाया व पूर्ण समर्पण भाव से कार्य किया। लेफ्टिनेंट अनीता वर्मा ने एन0सी0सी0 से संबंधित अपने अनुभवों को सांझा करते हुए कहा कि एन0सी0सी0 ने न केवल उन्हें जीना सिखाया है अपितु हर परिस्थितियों के साथ उचित ताल-मेल बनाने की शक्ति भी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि एन0सी0सी0 की सेवानिवृत्ति के बाद भी वह जिंदगी के अंत काल तक इससे जुड़ी रहेंगी । इस अवसर पर एन0सी0सी0 कैडेट्स ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियाँ भी दी। कार्यक्रम में महाविद्यालय की अन्य प्राध्यापिकाओं ने भी अपने अनुभवों को मंच के माध्यम से सांझा किया। कार्यक्रम में एन0सी0सी0 का कार्यभार डाॅ0 रिंकू अग्रवाल को सौंपने पर प्राचार्या ने उन्हें अपनी शुभकामनाएँ दी। इस अवसर पर महाविद्यालय का शिक्षकवर्ग, एन0सी0सी0 कैडेट्स के साथ उपस्थित रहा । कार्यक्रम का आयोजन संयोजिका डाॅ0 रिंकू अग्रवाल व सह-संयोजिका डाॅ0 रेणू व नीरजा परमार द्वारा किया गया।

अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ।

आपका कर्म आपको आन्नदित करेगा।सभी कार्य मर्यादित होकर व संयम में करें।मन की शुद्धि मोक्ष प्राप्ति का साधन – डाॅ0 वेद प्रताप वैदिकभिवानी। 19 फरवरी, 2023। संतों का समाज निर्माण में अद्वितीय योगदान रहा है। संतो द्वारा दिया गया साहित्यिक ज्ञान सामाजिक जीवन निर्वाह के लिए सरल मार्ग प्रशस्त करता है। संतों का सान्निध्य न केवल मानसिक सुख प्रदान करता है, बल्कि व्यवहारिक जीवन में आने वाली अनेक मुश्किलों का सामना करने की शक्ति भी देता है। यह उद्गार आदर्श महिला महाविद्यालय, भिवानी में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी जिसका विषय ’संत-साहित्य की वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिकता’ के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि डाॅ0 वेद प्रताप वैदिक (प्रख्यात चिंतक, वरिष्ठ पत्रकार, नई दिल्ली) ने कहे। संगोष्ठी का आयोजन हरियाणा साहित्य अकादमी, पंचकुला व महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि पंचविकारों से दूर होकर सभी कार्य मर्यादित व संयम में रहकर करने से इसी जन्म में मोक्ष प्राप्ति संभव है। मनुष्य को अपना आचरण शुद्ध रखना चाहिए। जात-पात की भावना से ऊपर उठकर स्वयं पर विश्वास रखें व अपनी बुद्धि से कार्य करें। हमें दूसरों का कहा बिना चिंतन व मनन न मानकर अपने पर विश्वास रखना चाहिए। उन्होंने सांख्य दर्शन, योग दर्शन, उपनिषद, हिन्दी शास्त्र एवं धर्मग्रन्थों का संक्षिप्त रूप संगोष्ठी में साँझा किया। संगोष्ठी में लगभग 80 विद्वानों ने पंजीकरण करवाया व संतों से सम्बन्धित उपविषयों पर शोधपत्र प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेश चन्द्र शुक्ल ’शरद आलोक’ प्रवासी हिंदी साहित्यकार, ओस्लो, नार्वे ने की। कार्यक्रम में बतौर बीज वक्ता डाॅ0 संजीव चैहान, निदेशन संत साहित्य शोधपीठ, म.द.वी., रोहतक रहे। द्वितीय सत्र में अध्यक्ष डाॅ0 राकेश उपाध्याय व मुख्य वक्ता डाॅ0 कृष्ण कुमार कौशिक रहे। तृतीय सत्र में अध्यक्ष प्रो0 किशना राम बिश्नोई व मुख्य वक्ता डाॅ0 सिद्धार्थ शंकर राय रहे। समापन सत्र में बतौर मुख्य वक्ता डाॅ0 संजीव चैहान रहे। इस अवसर पर महाविद्यालय प्रबन्धकारिणी समिति के महासचिव अशोक बुवानीवाला, उपाध्यक्ष कमलेश चैधरी, कोषाध्यक्ष प्रीतम अग्रवाल, सदस्य पवन केडिया, सुभाष चन्द्र, डाॅ0 पवन बुवानीवाला, सुरेश दौरालिया सहित विभिन्न महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों से प्राध्यापकों ने कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज की। कार्यक्रम का शुभारम्भ संतों की वाणी के सम्मुख अतिथिगण द्वारा दीप प्रज्जवलित कर व छात्राओं द्वारा मंत्रोच्चारण करके किया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम संगीतज्ञ डाॅ0 राम अवतार ने दादू जी महाराज का ’’जो जो पीबत राम रस, त्यों त्यों बढ़े प्यास’’ भजन सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। महासचिव अशोक बुवानीवाला ने अतिथिजनों का अपने वक्तव्य के माध्यम से स्वागत किया और कहा कि आज की संगोष्ठी का विषय बहुत ही प्रासंगिक रहा है। वैश्वीकरण और विश्व बाजारवाद के युग में कम्यूनिटी केवल एक कोमोडिटी बनकर रह गया है और मानवीय संवेदनाओं का निरन्तर गला घुटता जा रहा है। संतो के सानिध्य के द्वारा ही समाज में संतुलन बनाया जा सकता है। संतों द्वारा दिए गए सिद्धांत एवं संत वाणी ही सभ्य समाज की आधारशीला है। कार्यक्रम अध्यक्ष सुरेश चन्द्र ने हिन्दी साहित्य पर बल डालते हुए कहा कि आज विदेशों में भारतीय मूल के संस्कारों व त्योहारों का बोलबाला है। आज हमें संत वाणी के प्रति जागरूक होकर अपना फर्ज निभाना चाहिए, तभी हम हर घंटे तरक्की कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। उन्होंने हिन्दी भाषा के विकास एवं प्रचार पर भी बल दिया। साथ ही यह भी बताया कि नार्वे में हिन्दी के साथ तमिल एवं पंजाबी भाषा को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में अपनाया गया है। उन्होंने राजनीति एवं साहित्य को एक ही सिक्के के दो पहलु के रूप में बताया। मुख्य वक्ता डाॅ0 संजीव चैहान ने नारी के सम्मान पर बल देते हुए संत साहित्य में नारी के सम्मान को विभिन्न उदाहरणों द्वारा स्पष्ट किया। निदेशिका डाॅ0 अरूणा सचदेव ने शिक्षाविदों को संगोष्ठी में पधारने पर धन्यवाद किया और कहा कि संत साहित्य हमें बहुत कुछ सिखाता है। संतों की वाणी से हमें मानसिक एवं आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। कार्यक्रम संयोजिका वं मंच संचालन डाॅ0 मधुमालती ने किया और मंच के माध्यम से संत वाणी की महिमा का व्याख्यान उन्होंने संत वाणी के विभिन्न दोहों से दिया। साथ ही सभी विद्वतजनों के वक्तव्यों को भी संक्षिप्त किया। कार्यक्रम सहसंयोजक व समापन सत्र में मंच संचालक डाॅ0 रमाकान्त शर्मा रहे। कार्यक्रम में महाविद्यालय का समस्त शिक्षक, गैर-शिक्षक वर्ग एवं छात्राएं उपस्थित रही।.

पुलवामा हमले में बलिदान देने वाले हमारे अमर शहीद वीर जवानों को श्रद्धांजलि।

एनसीसी कैडेट्स द्वारा पुलवामा हमले में बलिदान देने वाले हमारे अमर शहीद वीर जवानों को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई

सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन

हरियाणा योग आयोग के निर्देशानुसार महाविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद विभाग द्वारा सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य रचना अरोड़ा के दिशा निर्देशन में किया गया। जिसमें महाविद्यालय के विभिन्न विभागों से छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया।

16 वी राज्य स्तरीय सीनियर नेट बॉल चैंपियनशिप मे महाविद्यालय की छात्राओं ने तीसरा स्थान प्राप्त कर महाविद्यालय का नाम रोशन किया।

चैंपियनशिप में महाविद्यालय से प्रीति, प्रियंका ,राखी, कोमल, खुशबू छात्राओ ने भाग लिया। जिसका आयोजन नेट बॉल एसोसिएशन जिला सोनीपत ने किया।[13/02, 10:50 pm] Gayatri Mam: महा विद्यालय प्रबंध कारिणी समिति एवं प्राचार्य रचना रचना अरोड़ा ने सभी छात्राओं को बधाई देकर उनका उत्साहवर्धन

अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका डॉ मंजीत मान को 15 वर्षों के कार्यकाल के पश्चात महाविद्यालय से उनके स्थानांतरण पर महाविद्यालय परिवार ने उन्हें भावभीनी विदाई दी ।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन से लेकर प्राध्यापिका जीवन तक की महाविद्यालय से जुड़ी विभिन्न यादो को सभी के साथ साझा किया। प्राचार्या रचना अरोड़ा ने उनके कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने महाविद्यालय की उन्नति में अतुलनीय योगदान दिया । वह एक निडर, कर्मठ एवं सहनशील प्राध्यापिका रही हैं ।अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ अपर्णा बत्रा ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम संयोजिका डॉ रिंकू अग्रवाल ने भी उनके साथ की पुरानी यादों को सबके साथ साझा किया।