17 अगस्त 2024 को संस्कृत विभाग की ओर से (विश्व संस्कृत दिवस, श्रावण पूर्णिमा, 19/08/2024) के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम “संस्कृत पर्व” का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य संस्कृत भाषा और संस्कृति के प्रति छात्रों में जागरूकता बढ़ाना था। प्राचार्या डॉ. अलका मित्तल के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. सुमन ने की।कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या महोदया द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात् छात्राओं ने गीता श्लोक, शिव तांडव, रुद्राष्टकम, विष्णु स्तुति, अग्नि मंत्र, दुर्गा स्तुति, नीति श्लोकों का उच्चारण कर सभी को मंत्र-मुग्ध कर दिया। कुमारी चंचल ने हास्य-कला से श्रोताओं को खूब हंसाया। कुमारी ट्विंकल ने अपनी प्रस्तुति “भारतम् भारतम्” संस्कृत गीत द्वारा भारत की महिमा को गाया। कुमारी संजना ने शिव ताण्डव स्तोत्र से सारा वातावरण शिवमय बना दिया। कुमारी प्रीति ने संस्कृत भाषा के महत्व पर अपनी कविता प्रस्तुत कर संस्कृत को अपने जीवन का अंग बनाने को कहा । कुमारी सुहाना, मोनिका और रजनी ने अग्नि सूक्त के मंत्रों के उच्चारण से सारा वातावरण वैदिकमय बना दिया। कुमारी मुस्कान द्वारा प्रस्तुत दुर्गा स्तुति ने छात्राओं में सकारात्मक मनोवृत्ति और आत्मविश्वास को प्रेरित किया, जिससे उनके समग्र व्यक्तित्व विकास में सकारात्मक योगदान हुआ। संस्कृत भाषा में स्तोत्र, गीत, हास्य-व्यंग्य, कविता, भाषण इत्यादि की शानदार प्रस्तुति से सारा वातावरण संस्कृतमय हो गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, प्राचार्या डॉ. अलका मित्तल ने कहा कि संस्कृत भाषा न केवल भारतीय संस्कृति की धरोहर है, बल्कि विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है। संस्कृत भाषा वर्तमान समय में कंप्यूटर की भाषा भी बन चुकी है। इस पर नासा द्वारा रिसर्च भी की जा रही है । उन्होंने छात्राओं को संस्कृत भाषा के अध्ययन के लिए प्रेरित किया तथा इस तरह के कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हुए विश्व संस्कृत दिवस की बधाई भी दी। इसके बाद कार्यक्रम की संयोजिका, संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. सुमन द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर स्टाफ के अन्य सदस्य श्रीमती कविता भारद्वाज, डॉ. शकुंतला, कुमारी रिंकू, कुमारी नेहा इत्यादि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ द्वारा किया गया।