10 दिवसीय नृत्य कार्यशाला का समापन अत्यंत सुंदर प्रस्तुति द्वारा सम्पन हुआ।

शारिरीक व मानसिक संतुलन की विघा-कथक नृत्य डा0 अलका मित्तल भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत कथक नृत्य ईशवरीय साधना का सबसे सरल मार्ग प्रस्तुत करता है। कथक नृत्य शारिरीक मानसीक संतुलन की अदवीतिय कला है यह उदगार आदर्श महिला महाविद्यालय में आयोजित 10 दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह में बतौर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्या अलका मित्तल ने कहे। उन्होने कहा की नृत्य हमारे अन्दर सकारात्मक उर्जा का संचार करता है और इसके द्वारा हम भारतीय संस्कृति को पहचानते है। उन्होने यह भी कहा कि कथक नृत्य हमारे शरीर के प्रत्येक अंग को कलात्मक ढंग से प्रस्तुत करने की कला प्रदान करता है। कार्यशाला का आयोजन प्राचार्या के मार्गदर्शन में निर्देशिका डा0 अरूणा सचदेव के दिशा निर्देशन में संगीत विभाग द्वारा किया गया। कार्यशाला में अन्तरराष्ट्रीय कलाकार साक्षी शर्मा प्रशिक्षका रही। कार्यशाला का समापन समारोह अनीता नाथ अध्यक्ष सांस्कृतिमंच भिवानी, जगत नारायण, शशि परमार की उपस्थिती में हुआ। निर्देशिका डा0 अरूणा सचदेव ने बताया कि महाविद्यालय में छात्राए इस कार्यशाला से अत्यधिक प्रभावित रही। 150 से अधिक छात्राओं ने पंजीकरण करवाया। सभी छात्राओं ने बडे़ ही चाव व उत्साह से कथक नृत्य शैली को न केवल सिखा अपितु समापन समारोह में अपनी अदभुत प्रस्तुतीया भी दी। जिसमें भक्ति भाव से ओत-प्रोत गुरूवंदना, तोड,़े तुकड,े़ तिहाईयाँ व गतभाव प्रमुख रही। इस अवसर पर उन्होने यह भी कहा कि इस नृत्य शैली से छात्राओं में अनुशासन व आत्मविश्वास का संचार हुआ। बतौर प्रशिक्षिका अन्तरराष्ट्रीय कलाकार साक्षी शर्मा ने भी समापन समारोह में अदभुत कथक नृत्य, भक्ति रस से ओत-प्रोत शिव स्तुति, कथक का तकनीकि ताल पक्ष 17 मात्रा, राधा कृष्ण की छेड़छाड़ ‘कान्हा गिरधरी मेरो मग रोकत‘ पर प्रस्तुतीया दी। जिस पर सभागार मंत्रमुगघ हो गया। उन्होने बताया कि 10 दिवसीय कार्यशाला में छात्राओं ने ताल पक्ष, हस्तक क्रिया, चक्रो पर आधारित बदिंश को बडे ही लगन व अनुशासित तरीके से सिखा।समापन समारोह में छात्रा कल्याणी ने प्रशिक्षिका का छाया चित्र स्वंय बनाकर उन्हें भेंट किया जिससे वह भाव विभौर हो गई।कार्यक्रम में डा0 अरूणा सचदेव के आग्रह पर अन्तरराष्ट्रीय कलाकार विश्वदीप शर्मा द्वारा अदभुत प्रस्तुती दी। जिसमें घंुघरू ध्वनी द्वारा रेल संचालन ध्वनी प्रस्तुती प्रमुख रही।इस अवसर पर संगीत विभाग से डा0 रचना कौशिक, डा0 रितु रानी, उषा गोस्वामी, केशव कौशिक के साथ महाविद्यालय का समस्त शिक्षक वर्ग उपस्थित रहा।